Sunday 14 August 2011

" कुसुमाकर "


कोई आया है बगिया में......
हिम की चदरी को सहला,
विटप-पल्लवों को बहला,
बुना है इक गीत  |

कोई आया है बगिया में.....
चली कूचिका मृद-वारि पर,
रंग बिखेरे हर क्यारी पर,
सब है पीत-पीत  |

कोई आया है बगिया में.....
जादू -सा हर पांखुरी पर,
नाम लिखा है कुसुमाकर,
वसंत की प्रिय रीत  |


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:- टिम्सी मेहता 

Word-meanings 
कुसुमाकर, : Spring season. 
 विटप-पल्लवों : Leaves of trees.
 कूचिका : Paint-brush.
 मृद : Mud.
 वारि : Water.
 पांखुरी : Petal.

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