Sunday 11 March 2012

क्या देंगे विरासत में!

एक प्रश्न करूँ! क्या आपको लगता है, कि आप समझदार हैं? मेरे ख्याल से आपका उत्तर होगा, 'हाँ'. एक समझदार मनुष्य विचारशील भी होता है. क्या आपने कभी विचार किया है, कि आप अपनी सन्तान के लिए विरासत में क्या छोड़ कर जायेंगे? किया ही होगा. तभी तो आप दिनभर परिश्रम करते हैं, धन जमा करते हैं. ज्यादा से ज्यादा धन जुड़ जाए, ताकि उसे अपने जीवन में वैसा संघर्ष न करना पड़े, जैसा कभी आपने किया था. बहुत बार, इसी धनराशि को बढाने के लिए आप अपनी आवश्यकता, और रूचि के पदार्थों के साथ समझौता भी करते हैं. मुझे अच्छी तरह पता है, कि आप अपनी सन्तान से बहुत प्यार करते हैं. पर इस प्रकार के परिश्रम से तो आप उसे  केवल घर के भीतर ही सुख दे पायेंगे. घर के बाहर निकलने पर क्या होगा?
घर के बाहर एक कदम रखते ही, साँसों में जाने वाली वायु ही विषाक्त होगी. दिन-भर के अपने क्रियाकलापों पर जरा नज़र तो डालें! वायु-प्रदूषण में कोई कम योगदान नहीं होता हमारा! हर छोटे-बड़े काम के लिए हम अपने मोटर-वाहन बेतहाशा दौडाते रहते हैं. हाँ आवश्यकता, और अनिवार्यता हो तो अलग बात है. पर अनावश्यकताओं पर भी तो हम नहीं थमते! ऐसा करते हुए, हम अपने पर्यावरण को विषैली गैसों से भरते जा रहे हैं. परिणाम तो हमें याद ही नहीं हैं, क्योंकि भौतिकतावादी संस्कृति आज में जीना सिखाती है. लेकिन अगर हम सचमुच भौतिकतावादी हैं, तो कल के लिए धन-संचय क्यों? उत्तर है, कि हम केवल अन्धानुकरण कर रहे हैं. समझ लेना चाहिए, कि अन्धानुकरण खतरनाक हो सकता है. जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए, हमें कुछ सूत्रों पर तो विचार कर ही लेना चाहिए.
अगर हम पर्यावरण में हो रहे नुकसान को रोक नहीं सकते, तो एक दूसरा रास्ता भी तो है. अगर हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ उगायें, तो हम इस नुकसान की क्षतिपूर्ति तो कर ही सकते हैं. अभी-अभी आपसे प्रश्न किया था, कि आप समझदार हैं या नहीं. अगर आप समझदार हैं, तो यह समझदारी का काम आपको जरुर करना चाहिए. और अगर आपका उत्तर 'नहीं' था, तब तो  मौका अच्छा है, समझदार बनने का. 
आप अपनी ही सन्तान के लिए एक सुन्दर दुनिया बना रहे होंगे! गौर कीजिये, अगर आपकी सन्तान सांस ले पाने में भी कठिनता अनुभव करे, तो आपके द्वारा जोड़ी गयी सोने की गिन्नियां उसके लिए किस काम की होंगी? एक ऐसी विरासत का निर्माण होना चाहिए, जिससे आपकी सन्तान का जीवन सचमुच आसान हो सके! ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाइए. गर्व होगा आपकी सन्तान को उस विरासत पर!

2 comments:

Rajesh Kumari said...

bahut achche vishay par likha hai jaagruk karti behtreen post.

Media and Journalism said...

सादर धन्यवाद.