Meri Dharti~Ya Woh Taara...
Monday, 27 January 2014
कच्ची-पक्की पगडंडियों पर...
कच्ची-पक्की पगडंडियों पर
ही पलती है
ज़िंदगी
.
थोड़ी आकाश की बर्फ,
और
थोड़ा
नमक
मिट्टी का
ज़रूरी है
स्वाद के लिए
ज़िंदगी
की थाली में..
2 comments:
Kailash Sharma
said...
बहुत सुन्दर...
28 January 2014 at 02:22
Media and Journalism
said...
सादर धन्यवाद।
9 March 2014 at 07:57
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
बहुत सुन्दर...
सादर धन्यवाद।
Post a Comment