रात
के एक बजे कमरे में कोई रोशनी नहीं थी। और मेरी आँखों से नींद के चिह्न भी
नदारद थे। देश के राजनीतिक परिदृश्य पर विचार करते हुए मेरे मन में यूँ ही
एक सवाल उठा। और उसका जवाब मुझे अभी तक नहीं मिल पाया है।
प्रश्न है, कि "मूर्खों के देश में राजा अधिक मूर्ख होता है, या प्रजा?"
-टिम्सी मेहता
प्रश्न है, कि "मूर्खों के देश में राजा अधिक मूर्ख होता है, या प्रजा?"
-टिम्सी मेहता