Monday, 31 March 2014

सुच्चा मोती बना ...

टूटा था तारा कहीं,
छूट के गिरा जो
आसमां के दामन से। 

देख उसे मन में
एक ख़ाब संजो लिया
आस के जोबन से।   

सुच्चा मोती बना
मन में था संभाला
बड़े जतन से। 
 
टूटा जो मोती आज,
बह के आ निकला वो 
आँखों के आँगन से...

ज्य़ादा तड़पाते हैं
ये टूटे मोती, देखो…
काँटों की चुभन से। 

:- टिम्सी मेहता

Sunday, 9 March 2014

अपने देश के लिए

चुनाव का समय व्यवस्था-परिवर्तन का अवसर देता है। देश का अगुआ सच्चा होगा, तो ही विकास की आशा की जा सकती है। अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर राष्ट्र-हित के बारे में सोचना ही इस समय की माँग है।

अगर हम सच्चे भारतीय हैं, तो उस पार्टी को वोट न दें, जिनके समर्थन से हमें नौकरी मिल सकती है या हमारा ज़ब्त हुआ लाइसेंस वापिस मिल सकता है। वोट उस पार्टी को दिया जाए, जो सचमुच में नेतृत्व के योग्य है, और जिसके शासन में देश के दबे हुए वर्ग को भी न्याय मिल सके।

देश का विकास सिर्फ बातों के पुल बनाने से नहीं होगा। जिनका काम बोल रहा है, उन्हें ही अवसर देने में भलाई है। एक भारतीय नागरिक की भूमिका में होते हुए हमारा कर्तव्य है कि हम देश के हालात को समझें, और सत्य का ही समर्थन करें!

इतना प्रयास तो हम लोगों को करना ही चाहिए!    

-टिम्सी मेहता